छोटी-छोटी खुशिंया
छोटे-छोटे गम
थोड़ी उदासी , थोड़ा अकेलापन
थोड़ी बस्ती
नाचना, गाना
मस्ती
थोड़ा नशा
थोड़ा ताश का खेल
थोड़ी काम(?) की बातें
जीवन के कश में
मृत्यु की परवाह दूर छिटकी हो कहीं
बुद्धत्व की खबर से भी दूर, और चाह तक नहीं
सामान्य जीवन ही
जीवन है
अर्थहीन जीवन ही
अर्थपूर्ण जीवन है ।
छोटे-छोटे गम
थोड़ी उदासी , थोड़ा अकेलापन
थोड़ी बस्ती
नाचना, गाना
मस्ती
थोड़ा नशा
थोड़ा ताश का खेल
थोड़ी काम(?) की बातें
जीवन के कश में
मृत्यु की परवाह दूर छिटकी हो कहीं
बुद्धत्व की खबर से भी दूर, और चाह तक नहीं
सामान्य जीवन ही
जीवन है
अर्थहीन जीवन ही
अर्थपूर्ण जीवन है ।