“वह नहीं जानता दर्द!
लाख में एक को होती है बीमारी”
मैं पढता हूँ – अखबार मे
पर
युद्ध, हिंसा और बर्बरता की इस दुनिया मे
कहीं गलत तो नहीं
यह डॉक्टरी आँकडा ?
और फिर वह नहीं जानेगा दर्द
तो क्या वह जान पायेगा मानवता ?
खैर!
दर्द को जानना और समझना
अपने आप मे दर्द पैदा करना है
और दर्द को न जानना भी
एक दर्द है
दुआ है कि
वह जान पाए दर्द
पर कुछ
शायराना अंदाज मे
यूं कहूं तो बेहतर होगा
खुशकिस्मत है वह
कि इस बेदर्द दुनिया मे
नहीं जानता दर्द !
लाख में एक को होती है बीमारी”
मैं पढता हूँ – अखबार मे
पर
युद्ध, हिंसा और बर्बरता की इस दुनिया मे
कहीं गलत तो नहीं
यह डॉक्टरी आँकडा ?
और फिर वह नहीं जानेगा दर्द
तो क्या वह जान पायेगा मानवता ?
खैर!
दर्द को जानना और समझना
अपने आप मे दर्द पैदा करना है
और दर्द को न जानना भी
एक दर्द है
दुआ है कि
वह जान पाए दर्द
पर कुछ
शायराना अंदाज मे
यूं कहूं तो बेहतर होगा
खुशकिस्मत है वह
कि इस बेदर्द दुनिया मे
नहीं जानता दर्द !
5 टिप्पणियां:
Achhi kavita likhi hai aapni...
http://dev-poetry.blogspot.com/2008/09/blog-post_6546.html
Je suis très motivée par cela. vous gardez mai prochain spectacle
à elle.
What Does This Mean?
Nice poem.I think u r a good poet and it's a good poem.Isn't it
bahut achha likha hai
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