मेरी हिन्दी कवितायें
फिर उठ गई
लहर
फिर मिट गई ।
ज़िंदगी एक ख़्वाब सी
गुजर गई ।
फिर उठी लहर
एक टिप्पणी भेजें
Tell me when this blog is updated
what is this?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें