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क्षितिज के उस पार
मेरी हिन्दी कवितायें
सोमवार, अगस्त 03, 2015
कवितायेँ
कवितायेँ
घरों पर नहीं रहती कवितायेँ
घोंसले नहीं होते उनके
दिलों पर आती हैं उड़कर
दिलों तक जाती हैं उड़कर
03 अगस्त 2015
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