कविता, किताब और
कम्प्यूटर
इन तीनों के
बीच
खुश रह्ता
हूँ मै
मै कह डालता
हूँ
उन चीजों को
जिनको मह्सूस
करता हूँ मै
जाना जा चुका
है जो
कुछ और
जानने-पहचानने के लिए
उस सबको भी
जान लेना
चाहता हूँ मै
हम जो तमाम
करते है
हम जो दिमाग
रखते है
हम जो दिमाग
मे पालते है दिल को
हम जो महसूस
करते है
हम जो जानते
है
और हम जो
रखते है जानने की इच्छा
आखिर हम जैसे
हैं वैसे क्यों हैं
और क्या हो
जाना चाहते हैं
बस यही सब
कुछ एक मशीन को
सिखा देना
चाहता हूँ मै
यों इन तीनों
के बीच
खुश रहता हूँ
मै
कविता, किताब और
कम्प्यूटर!